परमजी कहते हैं:- ” आप मेरे सम्पर्क में आये. परन्तु आपने अभी तक मेरी पराशक्ति से कोई विशेष लाभ नहीं लिया. आपने मेरी पराशक्ति को जानने का भी कोई विशेष यत्न नहीं किया. आपकी सुख-शान्ति, लौकिक समृद्धि, इत्यादि आपकी पारिवारिक शान्ति, मानसिक शान्ति इत्यादि तथा आपकी आध्यात्मिक उन्नति के लिए मैं अपनी पराशक्ति का प्रयोग सतत करता हूँ. कभी-कभी आपको सूचना भी देता हूँ, परन्तु आप मेरी पराशक्ति को ग्रहण नहीं करते हो, उस पराशक्ति को आप स्वीकारना नहीं जानते हो. उस पराशक्ति से आप लाभ नहीं लेते हो अतः वह पराशक्ति मेरे पास पुनः लौट आती है. मेरी पराशक्ति से लाभ लेने का तरीका सीख लो. उसके अनुसार करो. आपकी अनेक मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. आपको लौकिक समृद्धि, पारिवारिक सुख और शान्ति, मानसिक शान्ति इत्यादि मिलेगी. आपकी आध्यात्मिक उन्नति होगी. आपको इसी जन्म में मुक्ति मिलेगी.”
प्रेम और आशीर्वाद के साथ परमजी