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परमजी, पप्र, परमयोग
परमजी, पप्र, परमयोग

सभी जातकों के लिए सनातन योग तथा बैदिक पाठ, पुजा एवं अनुश्ठान द्वारा लौकिक, अलौकिक, मानसिक, षारीरिक, व्यवसायिक, सामाजिक, आर्थिक, बौद्धिक, भौतिक, दैवीक, पारिवारीक समृद्धि वर्तमान से बेहतर उत्थान हेतु सम्पर्क करें।

सम्पर्क सूत्र:-
म्उंप रू. ांउसमेीरींेवदन/हउंपसण्बवउ
मो0 नं0:- +91 9534506064 / 9155707863

सूयोग्य, अनुभवी एवं विद्वतजनों द्वारा विष्वषान्ति मंगलमय कामना हेतु विधिवत् – पूजन, श्रवण, पाठ, हवन, अनुश्ठान परमात्मा के आदेषानुसार षास्त्र सम्मत सम्पूर्ण मानवजाति के कल्याणार्थ निरंतर कर्मकाण्ड द्वारा सुनिष्चित यथायोग्य प्रकरण मे आप सभी सादर आमंत्रित है तथा परमात्मा द्वारा विषेश कृपा 100 प्रतिषत पूर्ण गांरटी हेतु हमे अवष्य सूचित करें एवं सम्पूर्ण विध्न बाधा, परेषानी, संकट, ग्रहदोश, वास्तुदोश, गृहप्रवेष, कुण्डलीदोश, कश्ट निवारण, आर्थिक उन्नति, पदोन्नति, पारवारिक कलह, व्यापार मे समृद्धि हेतू हमें अवष्य मौंका दें।

परिचय:- चीनी की मिठास का अनुभव चीनी खाने से होता है वाद – विवादो से नहीं इसी प्रकार आप अध्यात्म मे आओ परमसŸाा आपको कल्याण करेगें। अध्यात्म से स्वस्थ मास्तिश्क का विकास होता है, योग अध्यात्म, पाठ, पूजा, हवन, अनुश्ठान मस्तिश्क को आदर्ष बनाता है, अस्वस्थ मन को स्वस्थ बनाता है मानव प्रवृति को विकास मे सहायता करता है, आप जानते है कि अच्छे स्वस्थ हेतु षुद्ध वायु चाहिये इसी प्रकार स्वस्थ जीवन हेतु पूजा, ध्यान, जाप, अनुश्ठान आवष्यक है। अज्ञानता ही दुःख का कारण है। धर्म के नाम पर अज्ञानता भी अज्ञानता है।पूजा – पाठ के नाम पर अज्ञानता, आलस्य, अविवेकता, मूर्खता इत्यादि का संवर्धन करने वाला व्यक्ति सतत् दुःखी ही रहता है और भविश्य मे सतत् दुःखी रहेगा। सिर्फ स्वस्थ मस्तिश्क एवं मन ही सही निर्णय ले सकता है जो कि योग, साधना एवं अनुश्ठान से प्राप्त होता है। मानवको वर्तमान मे जिना चाहिए तथा वर्तमान के संतो को सम्मान करना चाहिए। अपने मन, षरीर और आत्मा की जरुरतांे का ध्यान देना आवष्यक है अतः सम्पूर्ण विष्व कल्याणार्थ हेतू इस परमहंस अद्वैतानंन्द परमयोग संस्थान द्वारा प्रदत परमात्मा के आदेषानुसार गुप्त रहस्य कुंजी की अवष्य चिन्तन मनन् करने कि चेश्ठा करे जिसमें हम आपके उचित मार्गदर्षन मे सहायता करें।

।। चरणं षरणं गच्छामि ।।
उदेष्य:- यह संस्थान सम्पूर्ण पिडी़त, निराष, मानव समुदाय के लिए एक गुप्त रहस्य अदभुत परमसता द्वारा अत्यन्त गोपनीय से परम गोपनीय योग, साधना, जप, अनुश्ठान द्वारा मात्र मानव जीवन के सर्वाड्ढिक विकास हेतू सदैव तत्पर है।

जो आप समस्त मानव जीवन को जीने की पे्ररणा देती है जो इस संस्थान द्वारा बताया गया साधना से आपके जीवन मे कई परिवर्तन हो सकता है जैसे कि अच्छा सोच सभी वस्तुओ का सदुपयोग करने कि मन में विचार, काम, क्रोध, लोभ, मोह (जो अपने आप मे बुरे नही है) उन्हें वष मे रखने की क्षमता सदा अपनी बुद्धि, षक्ति, धन, समय तथा आपके पास जो भी है उसका सदुपयोग होना, अपना कर्म अच्छे से होना, साधक बनना, धैर्यता के पात्र होना, षांत होना, सही दिषा से धन अर्जन करना, ईत्यादि जो आपके क्षमता पर निर्भर करता है उसमें ईष्वरीय उर्जा के अभाव के कारण मूलभूत आधार से जो भी मानव वंचित हो रहे है उसे सत्मार्ग में अध्यात्म द्वारा लाना ही ईस संस्थान का मूल उदेष्य है। आप सभी से निवेदन है कि ईस संस्थान द्वारा बताया गया सिद्धान्तों का अनुपालन करें एवं विषेश कृपा हेतु सम्पर्क करें।
चलन्ति दुरभाश सं0 – +91 9534506064

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